INDIA गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने चुनाव से पहले कहा कि उन्हें जीत का पूरा भरोसा है, उनका उद्देश्य मतदाताओं की अंतरात्मा जागृत करना है, क्रॉस-वोटिंग का कोई इरादा नहीं.
INDIA गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले मीडिया के सामने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी पार्टी और गठबंधन इस चुनाव में जीत हासिल करेंगे.
सुदर्शन रेड्डी ने स्पष्ट किया कि उनका प्रयास केवल लोगों की अंतरात्मा की आवाज को जागृत करने का है और उनका उद्देश्य मतदाताओं को सही दिशा दिखाना है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने किसी तरह की क्रॉस-वोटिंग की बात नहीं की है और न ही ऐसा कुछ करने की कोई योजना है. ये पूछे जाने पर कि गृह मंत्री अमित शाह ने आपको लेकर बहुत सारी बातें कहीं, इस पर उन्होंने कहा, "आप क्या पूछ रहे हैं भई! कितने दिन के बाद ये सवाल पूछ रहे हैं. रोज बोलते रहूंगा क्या मैं वही बात."
#WATCH दिल्ली: INDIA गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा, "...मुझे पूरा विश्वास है. हम चुनाव जीतने जा रहे हैं...मैं केवल लोगों की अंतरात्मा की आवाज को जगाने की कोशिश कर रहा हूं. मैंने यह नहीं कहा कि क्रॉस-वोटिंग होगी..." pic.twitter.com/NKZBEhrSo3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 9, 2025
सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं बी. सुदर्शन रेड्डी
इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है. विपक्ष इस चुनाव को ऐसे नेता और जज के बीच मुकाबला बता रहा है, जो संविधान के मूल्यों की रक्षा करते हैं और एएसएस की विचारधारा से अलग दृष्टिकोण रखते हैं. जस्टिस रेड्डी पहले सुप्रीम कोर्ट के जज और गोवा के लोकायुक्त रह चुके हैं.
जीत के लिए क्या है जादुई आंकड़ा?
वर्तमान में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 239 सांसद हैं, यानी दोनों सदनों के कुल सदस्य संख्या 781 है. किसी भी प्रत्याशी के जीतने के लिए 391 सांसदों का समर्थन जरूरी होगा. इस बीच, नवीन पटनायक की बीजेडी, चंद्रशेखर राव की बीआरएस और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से अलग रहने का निर्णय लिया है. इन तीनों पार्टियों के कुल 12 सांसद हैं, जिससे अब कुल सांसद संख्या 669 रह गई है. इस हिसाब से जीत के लिए राधाकृष्णन या सुदर्शन रेड्डी को केवल 385 सांसदों का समर्थन चाहिए.
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