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Us Expert Angry On Donald Trump Tariff Policy Calls It A Big Mistake And Says India Is Upset

Us Expert Angry On Donald Trump Tariff Policy Calls It A Big Mistake And Says India Is Upset

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अमेरिकी एक्सपर्ट जॉन मियर्सहाइमर ने कहा कि पीटर नवारो जैसे लोगों को छोड़कर, कोई भी टैरिफ लगाने के टैरिफ के कदम की सराहना नहीं कर रहा है.

रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर हेवी टैरिफ लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को एक यूएस एक्सपर्ट ने भारी भूल बताया है. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ रिश्तों को जहरीला बना लिया है और उनके ये पैंतरे किसी काम आने वाले नहीं हैं.

इंटरनेशनल रिलेशंस स्पशेलिस्ट और शिकागो यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर जॉन मियर्सहाइमर ने कहा कि रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर सेकेंडरी टैरिफ लगाना काम नहीं करेगा. उन्होंने पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म डैनियल डेविस डीप डाइव से कहा कि यह अमेरिका की बड़ी भूल है. हालांकि, यकीन करना मुश्किल है, लेकिन ये सेकेंडरी टैरिफ भारत के साथ काम नहीं करेंगे. भारत ने साफ कर दिया है कि वह रूस से तेल का खरीदना बंद नहीं करेगा. वह झुकने वाले नहीं हैं.

उन्होंने ट्रंप पर भारत के साथ अच्छे रिश्तों को जहरीला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रंप के पिछले टर्म में अमेरिका और भारत के बीच संबंध वाकई बहुत अच्छे थे, और चीन को कंट्रोल करने की अमेरिका की विदेश नीति के लिए भारत के साथ अच्छे संबंध होना जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन अब इन सेकेंडरी प्रतिबंधों के साथ जो हुआ है, वह यह है कि हमने भारत के साथ संबंधों को जहरीला कर दिया है.

जॉन मियर्सहाइमर ने हाल ही में एक जर्मन अखबार की रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चार अलग-अलग मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करने की असफल कोशिश की थी. उन्होंने कहा, 'भारतीय हमसे बहुत नाराज हैं, लगभग पूरी तरह से. ट्रंप ने पीएम मोदी को चार बार फोन करने की कोशिश की और उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया. इसके अलावा, भारत चीन और रूस के करीब जा रहा है. यह न सिर्फ कारगर है, बल्कि वास्तव में नुकसानदेह भी है. फिर भी, हम यहीं हैं.'

उन्होंने व्यापार और विनिर्माण पर व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नवारो ने ऐसी असफल रणनीति का नेतृत्व किया, जिसका कोई सुखद अंत नहीं है. उन्होंने कहा, 'पीटर नवारो जैसे लोगों को छोड़कर, कोई भी इस कदम की सराहना नहीं कर रहा है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसका सुखद अंत कैसे हो सकता है? क्या वे यह तर्क देंगे कि भारत झुकने वाला है या भारत पर इतना दबाव है कि हम भारतीयों को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकते हैं? क्या यही तर्क है? मैं ऐसा किसी को नहीं जानता, जो ऐसा मानता हो और भारत ने अब तक जो कुछ भी किया है, उससे यही लगता है कि यह तर्क गलत है.'

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