Vladimir Putin India Visit: अमेरिकी टैरिफ के बीच हो रहे एससीओ की बैठक पर पूरी दुनिया की निगाह है. पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन 1 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के आखिरी (दिसंबर 2025) में भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे. क्रेमलिन ने शुक्रवार (29 अगस्त 2025) को इसकी पुष्टि की है. पुतिन सोमवार (1 सितंबर) को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे.
दिसंबर में भारत का दौरा करेंगे पुतिन
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक क्रेमलिन के अधिकारी यूरी उशाकोव ने बताया कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी दिसंबर में होने वाले दौरे पर चर्चा करेंगे. पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन दोनों 31 अगस्त से एक सितंबर तक एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे.
उशाकोव ने बताया कि एससीओ बैठक के ठीक बाद राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि यह इस वर्ष उनकी पहली बैठक होगी, हालांकि वे फोन पर नियमित रूप से संपर्क में रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘विशेष रूप से महत्वपूर्ण बात यह है कि दिसंबर में हमारे राष्ट्रपति (व्लादिमीर पुतिन) की आगामी भारत यात्रा की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी."
टैरिफ के बीच SCO बैठक पर पूरी दुनिया की निगाह
रूसी तेल की खरीद को लेकर ट्र्ंप ने भारतीय सामानों के आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में अचानक गिरावट आ गई. यही कारण है कि 10 सदस्यीय एससीओ का शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
अमेरिकी टैरिफ के बीच हो रहे एससीओ की बैठक पर पूरी दुनिया की निगाह है. टैरिफ के बाद जिस तरह से दुनिया की राजनीति में बदलाव आया है ऐसे में भारत की कोशिश होगी कि वह खुद को बदले वैश्विक परिदृश्य में शक्ति के रूप में स्थापित करे.
भारत-चीन ट्रेड डील पर चर्चा की संभावना
भारत ने अब तक रूस से खरीदने वाले तेलों में कटौती नहीं की है. पीएम मोदी ने भी कई बार कहा है कि भारत दबाव में आने के बदले संकट का सामना करने के लिए तैयार है. टैरिफ के संकेत मिलने के साथ ही भारत नए बाजार की तलाश में जुट गया और कई देशों के साथ डील कर चुका है.
पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रविवार (31 अगस्त 2025) को तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर दो द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है. ट्रंप के टैरिफ के कारण जो व्यापारिक तनाव खड़ा हुआ उसको दूर करने को लेकर भारत-चीन नए सिरे से इस मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं.
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