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Mumbai 2006 Train Blast Case Sc Issues Notice To Accused On Maharashtra Governments Plea 8938497#publisher=newsstand

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मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोट मामले में बांबे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया था. वर्ष 2006 में हुए इस बम धमाके में 287 लोगों की मौत हुई थी.

नई दिल्ली:

Mumbai Local Blast: सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों के मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बांबे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को नोटिस जारी किया है. हालांकि उन 12 आरोपियों को अभी वापस जेल नहीं भेजा जाएगा. महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस केस में जल्द सुनवाई का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किया था. एसजी तुषार मेहता ने कहा, हम सिर्फ हाईकोर्ट के फैसले पर स्थगनादेश की मांग कर रहे हैं, आरोपियों को वापस जेल में डालने की नहीं. कई चीजें मकोका कानून के तहत ट्रायल को प्रभावित करती हैं. ये बात स्वीकार की जा सकती है कि आरोपियों को अभी वापस जेल में न डाला जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त स्थगनादेश का आदेश जारी कर दिया.

11 मिनट में सात बम धमाके
मुंबई लोकल ट्रेन में 11 जुलाई 2006 में हुए 11 मिनट के भीतर सात बम धमाके हुए थे. हाईकोर्ट ने 21 जुलाई को विशेष टाडा कोर्ट द्वारा दोषी साबित सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया था. निचली अदालत ने इनमें से पांच आरोपियों को मौत की सजा और सात को उम्रकैद की सजा दी थी. हाईकोर्ट ने सभी को बेकसूर करार देते हुए तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था, 'जो भी सबूत जांच एजेंसी की ओर से पेश किए गए थे, उनमें कोई ठोस तथ्य नहीं था. इसी आधार पर सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है.” मुंबई की लोकल ट्रेनों 11 जुलाई 2006 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके में 19 साल बाद हाईकोर्ट का फैसला था. इन धमाकों में 189 लोगों की मौत हुई थी.

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